Dard E Dil Shayari

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Dard E Dil Shayari: दोस्तों किसी ने क्या खूब कहा है कि ज़िंदगी, ख़ुशी और ग़म से मिलकर बनी है । एहसासों की गहराईयां सिर्फ फैंटेसी नहीं रचा करतीं बल्कि मोहब्बत के ग़म और जीनव के उन तमाम हालातों को भी रचनात्मक लिबास में हमारे सामने पेश किया करती हैं। इस ज़िंदगी के सफ़र में हमें कई तरह के दुःख तकलीफ और दर्द भरे हालातो को सामना करना पड़ता है। तो पेश है आपके सामने कुछ खाश Dard E Dil Shayari जो आप जरूर पसंद करने वाले है। यह भी पढ़े: Dil Love Shayari

Dard E Dil Shayari

Dard E Dil Shayari - दर्दे दिल शायरी

खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से
दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा आपके दिल से

दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ
सुना है दर्द बहुत देर तक साथ रहता है। 

जा रहे हो तो पढते जाओ,
कभी गलती से हमें मिलते जाओ,
मिलकर अपना बनाते जाओ,
अपना बनाकर यु ना ठुकराओ,
ठुकराकर ना रखो पायाब जख्मो को,
दिल तो ले लिया,अब जान भी लेते जाओ। 

रात बाहों में भर ले मुझे,
साथ जीवन में समा ले मुझे,
नहीं रहा जाता बगैर तुम्हारे,
एकबार अपना बना ले मुझे। 

शिद्दत से तुम्हे चाहा था,
खुदा से तुम्हे ही माँगा था,
देती रही तुम मुद्दत पे मुद्दत मुझे
क्योंकि, तुमने मुझे नहीं, बल्कि मेंने तुमको चाहा था। 

उसका जाना दिल में समाया,
उसका चहेरा रुह में ऊतर आया,
बहार से तो कोई गम ना था,
लेकिन, अंदर का गम आँखो में भर आया।

बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरी मोहब्बत में,
कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।

कितना लुत्फ ले रहे हैं लोग मेरे दर्द-ओ-ग़म का,
ऐ इश्क़ देख तूने तो मेरा तमाशा ही बना दिया।

ये सच है कि हम मोहब्बत से डरते हैं,
क्यूँ कि ये प्यार दिल को बहुत तड़पाता है,
आँख में आँसू तो हम छुपा सकते हैं,
दर्द-ए-दिल दुनिया को पता चल जाता है।

मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर तो देखो,
सदियों तक याद करते रहोगे तुम भी।

दिल से महसूस कर सकते हैं उस दर्द को,
जो तेरी कलम ने एक-एक करके तराशा है।

मुस्कुराने से भी होता है दर्द-ए-दिल बयां,
किसी को रोने की आदत हो ये जरूरी तो नहीं।

किस्मत के तराज़ू में तो फकिर हैं,
हम और दर्द दे दिल में हम सा कोई नहीं।


लोग कहते हैं हम मुस्कुराते बहुत है,
और हम थक गए हैं दर्द छुपाते छुपाते। 

ना तस्वीर हैं उसकी जो दीदार किया जाए।
ना तुम हो मेरे पास जो प्यार किया जाए।
ये कौन सा दर्द दिया है उस बेदर्द ने,
ना कुछ कहाँ जाए ना तुम बिन रहा जाए।

लिखु क्या आज वक्त का तकाजा है,
दर्द ए दिल अभी ताजा हैं।

कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ये खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
यु घुट घुट के जिने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी ना जागू मुझे ऐसी नींद सुला दो। 

दिल पर जख्म कुछ ऐसे मिले,
फूलों पर भी सोया ना गया,
दिल तो जल कर राख हो गया,
और आँखो से रोया भी न गया। 

जिसके दिल पर भी क्या खूब गूजरी होगी,
जिसने इस दर्द का नाम मुहब्बत रखा होगा।  

खो जाओ मुझ में तो मालूम होगा कि दर्द क्या है,
ये वो किस्सा है जो ज़ुबान से बयाँ नहीं होता। 

दर्द का सजा दे रह हूँ तुम्हें,
दिल का हर राज दे रहा हूँ तुम्हें,
ये गजल ये गीत सब बहाने हैं,
मैं तो आवज दे रहा हूँ तुम्हें। 

दर्द इतना है कि संभलता नहीं है,
तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नहीं है,
और मै किस तरह बुलाऊ मैं तुम्हें,
तेरा दिल तो मेरे दिल को सुनता भी नहीं है।


कोन से लफ्ज में मैं दर्द कि सदा लिखूं
किस तरह मै अपने ही दिल को बेवफ़ा लिखूं। 

किन लफ़्जों में बयाँ करु दर्द ए दिल को मैं,
सुनने वाले तो बहुत हैं समझने वाला कोई नहीं।

तेरे हिसाब से अब और दिखा ना जाएगा,
जख्म अब नासूर बन गए हैं ज़िन्दगी में,
मुझसे अब दर्द ए दिल और लिखा ना जाएगा।

दर्द ए दिल को ताब आ जाए,
जिसमें तुम हो काश कही से वो ख्वाब आ जाए।

ना समझ तो वो ना थे ना इतने,
के प्यार को हमारे समझ ना सके,
पेश किया दर्द ए दिल हमने नगमो में,
उसे भी वो भी सिर्फ शेर समझ बैठे। 

मुझे दर्द ए दिल का पता न था,
मुझे आप किस लिए मिल गए,
मैं अकेले यूँ ही मजे में था,
मुझे आप किस लिए मिल गए। 

अभी से क्यों छलक आये तुम्हारे आँख में आँसू,
अभी तो छोड़ी ही कहाँ हे दर्द ए दिल का दास्तान हमने।


जहर कि चुटकी ही मिल जाए बजाए दर्द ए दिल,
कुछ ना कुछ तो चाहिए बाबा दवा ए दर्द ए दिल,
रात को आराम से हूँ मैं न दिन को चैन से,
हाए ऐ वहशते दिल हाए हाए दर्द ए दिल।

दिल की हसरत मेरी जुबान पे आने लगी,
तुने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी,
ये इश्क़ का तनहा थी या दीवानगी मेरी,
हर जगह पे सुरत तेरी आने लगी। 

रुक गयी मेरी कलम दर्द-ए-दिल बयाँ करते-करते
मेरी मोहब्बत को उसने अपना रुतबा समझ लिया। 

शायरी में कहाँ सिमटता है दर्द-ए-दिल दोस्तो
बहला रहे हैं खुद को जरा कागजों के साथ।

दर्द-ए-दिल कम ना होगा ऐ सनम
आपकी महफ़िल से जाने के बाद
नाम बदनाम हमारा होगा
आपकी ज़िन्दगी से जाने के बाद। 

छुप-छुप कर तन्हा रो लूंगा
अब दिल का दर्द किसी से ना कहूँगा
नींद तो आती नहीं रातों को मुझे
जब रुकेगी धड़कन तो जी भर के सो लूंगा। 

कब ठहरेगा दर्द-ऐ-दिल, कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएगे, सुनते थे सहर होगी। 

तो दोस्तों आपको ये Dard E Dil Shayari कैसे लगे निचे कमेंट में जरूर बताये। तब तक आप इसे जरूर पढ़े : Rahat Indori Shayari in Hindi

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