होली शायरी 2 लाइन | Happy Holi 2 Line Shayari

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होली शायरी 2 लाइन | Happy Holi 2 Line Shayari: मेरे प्यारे दोस्तों और उनकी प्यारी से प्रेमिकाओ आज हम इस पोस्ट में कुछ लाजबाब और शानदार फाडू "होली शायरी 2 लाइन - Happy Holi 2 Line Shayari" चेक करने वाले है. और मुझे पूरी उम्मीद है की आप जरुर पसंद करेंगे. तो चलिए होली शायरी 2 लाइन और Happy Holi 2 Line Shayari का ये ताजा कलेक्शन चेक करते है. बाकि आप समझदार हो ही की आप इन शायरी को अपने दोस्तों और उसके साथ फेसबुक और इन्सटाग्राम पर शेयर भी कर सकते है. और हां अपने प्यारे प्यारे कमेंट्स जरूर देना नीचे कमेन्ट बॉक्स में ...

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होली शायरी 2 लाइन | Happy Holi 2 Line Shayari

तो मेरे प्यारो,  आप होली के बारे में जानते ही होंगे की होली किस टाइप का त्यौहार है? और मुझे नाहे लगता की इस पर मुझे ज्यादा ज्ञान पेलने की जरुरत है . फिर भी बता दू की होली का दिन एक बहुत बड़ा हिन्दू त्यौहार होता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे के गुलाल व रंग लगा कर इस दिन की बधाई देते है | होली के दिन पर हम अपने दोस्तों, गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड को अपने-2 तरीके से बधाई देते है | तो चलिए अब वो भी चेक कर लेते है जिसके लिए आप इस वेबसाइट www.shubhshayari.in पर आये हो .... मेरा मतलब वही होली शायरी 2 लाइन | Happy Holi 2 Line Shayari ....

होली शायरी 2 लाइन | Happy Holi 2 Line Shayari: Happy Holi Shayari in Hindi, 2 Line Holi Shayari

पिचकारी की धार, गुलाल की बौछार, अपनों का प्यार,
यही है यारों होली का त्यौहार।

होली.. होली होती है दीवाली मत समझना,
हम तुम्हारे घर आये तो हमे मवाली मत समझना

रंग के त्यौहार में, सभी रंगों की हो भरमार,
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार

😊😊कहीं पड़े ना मोहब्बत की मार होली में,
अदा से प्रेम करो दिल से प्यार होली में।❤

जमाने के लिए आज होली है,
मुझे तो तेरी यादे रोज रंग देती है…!!

होली शायरी 2 लाइन | Happy Holi 2 Line Shayari

काश कुछ ऐसा हो कि इस बार वो होली खेलने आ जाये,
और चुपके से मुझे रँग लगा जाये और मैं देखता रह जाऊँ..!

होली आने वाली है रंगो से नहीं डरे,
रंग बदलने वालो से डरे..!

होली रंगों का त्यौहार है, दुनिया है रंग बिरंगी..
प्यार के रंग से भर लो जीवन, दुश्मन हो या हो संगी..

त्यौहार ये रंग का, त्यौहार ये भंग का, मस्ती में मस्त हो जाओ,
आज होली है आई होली का मज़ा उठाओ.

रंगो की बौछार नहीं, नज़रो की इनायत ही काफी है,
तुम सामने होते हो तो चेहरा यूँ ही गुलाल हो जाता है

लाल हो या पीला, हरा हो या नीला,
सुखा हो या गिला, एक बार रंग लग जाये तो हो जाये रंगीला…

दिल ने एक बार ओर हमारा कहना माना है,
इस होली पर फिर हमें उन्हें रंगने जाना है

दिल कर रहा हैं तुम्हारे गुलाबी चाँद के चेहरे पे
थोड़ा सा रंग लगा देते..

होली शायरी 2 लाइन | Happy Holi 2 Line Shayari

इश्क की होलिया खेलनी छोड़ दी है हमने,
वरना हर चेहरे पे रंग हमारा होता..

पिचकारी की धार, गुलाल की बौछार,
अपनों का प्यार, यही है यारों होली का त्यौहार. हैप्पी होली.

इस होली में आपके सब दुःख दर्द धुल जायें,
और रंगपंचमी के सारे रंग आपके जीवन को खुशियों से भर जायें..

होली के रंग मुझे रंग नहीं पाएंगे,
तेरा रंग उतरे तो कोई और रंग चढ़े..

चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है,
हमने गुलाल औरो को मलने नहीं दिया

तेरी चाहत का रंग चढ़ा है मुझ पर,
वो उतरे तो खेलूं होली.!

होली शायरी 2 लाइन | Happy Holi 2 Line Shayari
 
रंगो की बौछार नहीं, नज़रो की इनायत ही काफी है !
तुम सामने होते हो तो चेहरा यूँ ही गुलाल हो जाता है !!

उनके प्यारे से चेहरे पर रंग लगा देते,
वो पास होते तो हम भी होली मना लेते!

कहीं पड़े न मोहब्बत की मार होली में,
अदा से प्रेम करो दिल से प्यारी होली में।

हम से नज़र मिलाइए होली का रोज़ है,
तीर-ए-नज़र चलाइए होली का रोज़ है।

वो रंग-ऐ-गुलाल की शोखियाँ ख़त्म हुई,
चलो यारो फिर बेरंग दुनिया में लौट चले।

चेहरे को आज तक भी तेरा इंतजार है,
हमने गुलाल ओरो को मलने नहीं दया।

उड़ने दो रंगों को इस बेरंग जिंदगी में,
एक त्यौहार ही तो है जो हमें रंगीन बनाते है।

पीले रंग की ज़िद थी हम मीलों चले !
नीले का मलाल कि हम पीले न हुए !!

 
वो बात करने तक को राजी़ नही है !
और हम होली पर रंग लगाने की हसरत जमाये बैठे हैं !!

ज़माने के लिये तो कुछ दिन बाद होली है !
मगर मुझे तो रोज़ रंग देती है यादें तेरी !!

तेरा रंग तो पहले ही कब का चढ़ चुका इस मन पर !
ये होली तो तेरे रूखसार छूने का फ़क़त एक बहाना भर है !!

तेरी मोहब्बत का रंग,कुछ ऐसा है..की !
अब और कोई रंग..उस पर चढ़ता ही नहीं !!

दिल ने एक बार ओर हमारा कहना माना हैं !
इस होली पर फिर उन्हें रंगने जाना हैं !!

चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है !
हमने गुलाल किसी को मलने नहीं दिया !!

दूरियाँ दिल की मिटें, हर कहीं अनुराग हो !
न द्वेष हो, न राग हो, ऐसा यहाँ पर फाग हो !!

कानों के पीछे रंगों के निशान छोड़ !
यादों का बस्ता लिये होली जा रही है !!

कसक अब भी उठती है होली के उस दिन की !
सूखे सूखे से लौट आए थे उसे सूखा छोड़कर !! 

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